Sunday, October 30, 2011

सीबीआई पर बिफरा सूचना आयोग

सीबीआई पर बिफरा सूचना आयोग (RTI Commission objected for CBI out of RTI act)

नई दिल्ली सीबीआई को आरटीआई के दायरे से बाहर किए जाने पर मुख्य सूचना आयोग शुक्रवार को केंद्र पर बिफर पड़ा। केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेष गांधी ने कहा कि सीबीआई को आरटीआई की सीमा सेे बाहर करना इस कानून की मंशा के अनुरूप नहीं है।




केंद्रीय सूचना आयोग की आपत्ति सीबीआई को आरटीआई के दायरे से बाहर रखने के नोटिफिकेशन जारी करने के लगभग तीन हफ्ते बाद आई है। सूचना आयुक्त गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को इंटेलीजेंस और सुरक्षा एजेंसी को सूचना के अधिकार के दायरे से बाहर रखने का अधिकार है लेकिन सीबीआई न तो इंटेलीजेंस एजेंसी है और न ही सुरक्षा एजेंसी। सीबीआई को सिर्फ जांच एजेंसी बताते हुए उन्होंने तल्ख शब्दों में कहा कि इस तरह जांच करने वाले अन्य संगठन जैसे पुलिस को भी क्या सरकार आरटीआई कानून की धारा २४(२) के भीतर रखेगी?



सीबीआई को बाहर रखने का तर्क देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायण सामी ने कहा था कि सीबीआई देश की सुरक्षा संबंधी कई केसों की जांच करती है। देश के पहले मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने भी सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इसे वापस लेने की मांग की थी। गौरतलब है कि ९ जून को नोटिफिकेशन जारी कर सीबीआई सहित नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) और नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड (नेटग्रिड) को भी आरटीआई के दायरे से बाहर कर दिया गया था। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मद्रास और दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार के इस फैसले के खिलाफ याचिका भी दायर की है।



केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेष गांधी गाजियाबाद सिविल कोर्ट में पीएफ घोटाले के आरोपी जस्टिस आरएन शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने सीबीआई को निर्देश दिया कि जस्टिस शर्मा ने जांच से संबंधित जो कागजात मांगे थे, सीबीआई २5 जुलाई तक सभी कागजात उन्हें उपलब्ध कराए। सीबीआई ने यह कहते हुए कागजात देने से मना कर दिया था कि जस्टिस शर्मा इस केस में खुद आरोपी हैं और केस अभी चल रहा है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने तर्क दिया कि वह आरटीआई के दायरे से बाहर हो चुकी है इसलिए अब वह कोई जानकारी नहीं देगी।
Source : http://www.webkhabar.com/news.php?show=6065
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