Sunday, October 30, 2011

सूचना आयोग तमाम कठिनाइयों के बावजूद लगातार पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है

दिल्‍ली का बाबूः उठो, जागो, काम करो

केंद्रीय सूचना आयोग तमाम कठिनाइयों के बावजूद लगातार पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. जन शिक़ायतों के निराकरण में हो रही देरी से चिंतित आयोग ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह जन शिक़ायतों के निराकरण के लिए एक समय सीमा तय करने के लिए गाइड लाइन जारी करे. संयोग से इन बातों का संबंध न्यायपालिका की उन आपत्तियों से नहीं है, जिनकी वजह से मनमोहन सिंह सूचना क़ानून में संशोधन करना चाहते हैं. यह निर्देश सूचना आयुक्त शैलेष गांधी ने जारी किए हैं. आरटीआई कार्यकर्ता इस निर्देश को महत्वपूर्ण मान रहे हैं, क्योंकि सरकार एक समय सीमा के तहत जवाब देने में असफल रही है. सूत्रों के मुताबिक़, कुछ राज्यों में गाइड लाइन बनाई तो गई है, लेकिन कभी उसका अनुपालन नहीं होता. शैलेष गांधी के पास जो मामला आया था, उसमें उन्हें पता चला कि प्रशासनिक सुधार और जन शिक़ायत विभाग ने जवाब देने के लिए एक ख़ास समय सीमा तय तो की थी, लेकिन उक्त लोक प्राधिकरण ने शायद ही कभी उस गाइड लाइन पर अमल किया हो. गांधी के इस निर्देश से उन बाबुओं को प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जो गाइड लाइन का पालन नहीं करते

News Source : http://www.chauthiduniya.com/2010/06/delhi-ka-babu-utho-jago-kam-karon.html

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